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मानसरोवर मंदिर, अंधियारी बाग, निकट रामलीला मैदान, गोरखपुर में सप्त दिवसीय श्री शिव महापुराण कथा प्रारम्भ हुई

गोरखपुर। मानसरोवर मंदिर, अंधियारी बाग, निकट रामलीला मैदान, गोरखपुर में सप्त दिवसीय ( दिनाँक 20 जुलाई से 26 जुलाई, 2022 तक ) श्री शिव महापुराण कथा के अन्तिम दिन कथा 2:00 से बजे प्रारम्भ हुई। कथा प्रारम्भ से पूर्व व्यासपीठ की विधिवत् पूजा, अर्चना और आरती आज कथा के मुख्य यजमान ने सपरिवार की किया।श्री शिव महापुराण कथा का व्यासपीठ पर कथावाचक श्री बालकदास जी महाराज के मुखारविंद से हुई। आज श्री शिव महापुराण कथा का विश्राम हुआ जिसमें संत ह्रदय पंडित बालक दास जी महाराज ने द्वादश ज्योतिर्लिंग की कथा का वर्णन करते हुए कहा किभगवान शिव, जो स्वयं में महाकाल हैं, जिनका काल भी कुछ बिगाड़ नहीं सकता, जिनके दर्शन मात्र से मोक्ष प्राप्ति होती है। वह त्रिकालदर्शी हैं, भूत, भविष्य और वर्तमान के ज्ञाता हैं। पृथ्वी पर वह ज्योतिर्लिंग स्वरूप में विद्यमान हैं। भारत में अलग-अलग जगहों पर उनके 12 ज्योतिर्लिंग स्थापित हैं, जिनके दर्शनों से लोगों की मनोकामनाएं पूरी होती हैं, दुख दूर होते हैं, धन-संपदा, वैभव, प्रसिद्धि की प्राप्ति होती है। पौराणिक मान्यताओं के अनुसार, जो व्यक्ति प्रतिदिन इन 12 ज्योतिर्लिंगों के नाम जपता है, वह सभी कष्टों से मुक्त हो जाता है, उसके सारे पाप नष्ट हो जाते हैं। मनोकामना की पूर्ति के लिए इन ज्योतिर्लिंगों के नामों का जाप किया जाता।

शिव पुराण के अनुसार, भगवान शिव लोक कल्याण के लिए लिंग के रूप में वास करते हैं और भगवान शिव के बारह विग्रहों को द्वादश ज्योतिर्लिंग कहा जाता है। भारतवर्ष में यह 12 ज्योतिर्लिंग अलग-अलग स्थानों परस्थित हैं। इनमें सर्वप्रथम श्री सोमनाथ जी का स्मरण किया जाता है। श्रावण माह में ज्योतिर्लिंगों के दर्शन और पूजन के लिए बड़ी संख्या में श्रद्धालु उमड़ते हैं। मान्यता है कि भगवान शिव के ज्योतिर्लिंग के दर्शन मात्र से ही सभी कष्ट दूर हो जाते हैं और मोक्ष की प्राप्ति होती है। इसी के साथ आज सप्त दिवसीय कथा का समापन हुआ। कथा समाप्ति के बाद हवन के साथ कथा की पूर्णाहुति हुई। कथा मे बारह ज्योर्तिलिंग का मिट्टी से बना स्वरूप रखा गया था। जिसका श्रद्धालुओं ने पूजन अर्चन किया । आज कथा के विश्राम के अवसर पर मानसरोवर मंदिर परिसर में विशाल भंडारे का आयोजन किया गया जिसमें बड़ी संख्या में श्रद्धालुओं ने प्रसाद ग्रहण किया। आज की कथा में पं. रामानुज त्रिपाठी, अरुण कुमार लाला अग्रवाल, जवाहर लाल कसौधन, वीरेन्द्र सिंह, पवन कुमार त्रिपाठी, विनय गौतम, विनय चतुर्वेदी, मंटू यादव, योगी हनुमाननाथ, रमेश त्रिपाठी, दुर्गेश बजाज, उमेश अग्रहरि सहित कथा में बड़ी संख्या में श्रद्धालु उपस्थित।

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