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क्यों ? राजीव गांधी की जयंती पर मनाया जाता है सद्भावना दिवस, 1992 में राष्ट्रीय पुरस्कार की भी हुई थी शुरुआत भारत को विकसित राष्ट्र बनाने का संकल्प लेने वाले राजीव गांधी दूरदर्शी नेता थे और उन्होंने सभी धर्मों के बीच सामुदायिक समरसता, राष्ट्रीय एकता, शांति, प्यार और लगाव को बढ़ावा देने का काम किया। इसी के चलते 20 अगस्त को सद्भावना दिवस मनाया जाता है और कांग्रेस पार्टी इस दिन केक काटती है। हर साल 20 अगस्त को सद्भावना दिवस रूप में मनाया जाता है। इसे ‘समरसता दिवस’ तथा ‘राजीव गांधी अक्षय ऊर्जा दिवस’ के तौर पर भी जाना जाता है। इस दिन पूर्व प्रधानमंत्री और भारतरत्न राजीव गांधी के राष्ट्र के लिए किए गए योगदान को याद किया जाता है और तमाम कांग्रेसी तथा उनके परिवार के लोग पूर्व प्रधानमंत्री को श्रद्धांजलि देने के लिए वीरभूमि जाते हैं।
यूं तो राजीव गांधी किसी पहचान के मोहताज नहीं लेकिन आपको बता दें कि राजीव गांधी पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी और फिरोज गांधी के बेटे तथा देश के प्रथम प्रधानमंत्री पंडित जवाहरलाल नेहरू के नाती थे। राजीव गांधी का जन्म 20 अगस्त, 1944 को मुंबई में हुआ था। उन्होंने प्रधानमंत्री के तौर पर 1984 से 1989 तक भारत का नेतृत्व किया। वर्ष 1991 में लोकसभा चुनाव प्रचार के दौरान एक उग्रवादी हमले में उनकी हत्या कर दी गई थ भारत रत्न राजीव गांधी ने हिंदुस्तान को एक युवा राष्ट्र बताया था। उन्होंने एक दफा कहा था कि भारत एक प्राचीन देश लेकिन एक युवा राष्ट्र है… मैं जवान हूं और मेरा भी एक सपना है। मेरा सपना है भारत को मजबूत, स्वतंत्र, आत्मनिर्भर और दुनिया के सभी देशों में से प्रथम रैंक में लाना और मानव जाति की सेवा करना।
राष्ट्रीय सद्भावना पुरस्कार राजीव गांधी की मृत्यु के एक साल बाद 1992 में राजीव गांधी राष्ट्रीय सद्भावना पुरस्कार की शुरुआत की गई थी। इसके जरिए 10 लाख रुपए का नकद पुरस्कार और एक प्रशस्ति पत्र दिया जाता है। यह पुरस्कार उन लोगों को दिया जाता है, जिन्होंने अपने कार्यों के माध्यम से सद्भावना बढ़ाने और शांति स्थापित की है। इसके अलावा सद्भावना दिवस पर देशभर में सांस्कृतिक कार्यक्रमों का आयोजन किया जाता है।
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