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प्रो सूर्यकांत ने कहा, मास्क और शारीरिक दूरी से मंकीपॉक्स और कोरोना दोनों से होगा बचाव लखनऊ,08 अगस्त 2022 (यूएनएस)। फेस्टिव सीजन के नजदीक आते ही यूपी में मंकीपॉक्स और कोरोना का खतरा गहराने लगा है। इस बीच एक्सपर्ट्स भी लगातार इन दोनों ही वायरस को लेकर लोगों को आगाह कर रहे हैं। केजीएमयू के वरिष्ठ चिकित्सक डॉ. सूर्यकांत के मुताबिक, आने वाले अगले एक महीने तक बेहद सतर्कता बरतने की जरूरत है। हल्की सी लापरवाही भी भारी पड़ सकती है। इस बार बीते 2 सालों से ज्यादा अलर्ट होने की जरूरत है। कोरोना के साथ ही अब मंकीपॉक्स का भी खतरा मंडरा रहा हैं। यही कारण है कि एहतियात सभी को बरतना होगा। कोरोना से बचने के लिए जो प्रोटोकॉल का पालन करते थे, उनको फॉलो करने से मंकीपॉक्स से भी बचा जा सकता है। केजीएमयू यानी किंग जार्ज चिकित्सा विश्वविद्यालय के रेस्परेटरी मेडिसिन विभाग के अध्यक्ष डॉ. सूर्यकांत का कहना है कि मंकीपॉक्स गंभीर लक्षण वाला एक वायरल रोग है। मंकीपॉक्स का एक प्रमुख लक्षण शरीर पर चकत्ते या बड़े दाने निकलना है। इसके साथ ही लिम्फ नोड में सूजन या दर्द, बुखार और सिर दर्द जैसे लक्षण देखे जा सकते हैं। मानव से मानव में इसका संक्रमण लम्बे समय तक रोगी के निकट सम्पर्क में रहने, रोगी के घावों की मरहम-पट्टी के दौरान सीधे संपर्क में आने या संक्रमित व्यक्ति के कपड़ों या बिस्तर के इस्तेमाल से फैलता है। संक्रमण क्षेत्र वाले जानवरों जैसे- बंदर, गिलहरी, चूहे आदि के काटने या खरोच से भी इसका संक्रमण फैल सकता है। इसे देखते हुए ही डब्लयूएचओ यानी विश्व स्वास्थ्य संगठन ने मंकीपॉक्स को ग्लोबल हेल्थ इमरजेंसी घोषित किया है वही भारत सरकार ने भी एडवाइजरी जारी की है। यूपी कोविड वैक्सीनेशन के नोडल अफसर डॉ. सूर्यकांत का कहना है कि कोविड टीके की हर जरूरी डोज समय से लगवाने से कोरोना गंभीर रूप नहीं ले सकता, मगर लापरवाही से उसकी चपेट में लोग जरूर आ सकते हैं। कोविड टीकाकरण के साथ ही सभी जरूरी प्रोटोकॉल को भी अभी अपने व्यवहार में निश्चित रूप से बनाए रखना हर किसी के लिए अभी बहुत जरूरी है। इधर कई त्योहार भी आने वाले हैं, इसलिए त्योहारों पर भी हर जरूरी प्रोटोकॉल का पूरी तरह से पालन करना न भूलें। बुखार, सिर व बदन दर्द के साथ शरीर पर चकत्ते या दाने दिखाई दें तो मरीज को अलग कमरे में आइसोलेट करें,अलग बाथरूम का उपयोग करें या हर उपयोग के बाद अच्छी तरह साफ करें,मरीज के बर्तन, चादर आदि को छूने के बाद हाथ को साबुन-पानी से धुलें,सतहों को कीटाणुनाशक से अच्छी तरह से साफ करें- अलग बर्तन, तौलिये और बिस्तर का प्रयोग करें,वेंटिलेशन के लिए खिड़कियां खुली रखें,दूसरों से उचित शारीरिक दूरी बनाकर रखें,शरीर के दाने या घाव को कपड़े या पट्टियों से ढककर रखें अच्छी तरह से फिट होने वाला ट्रिपल लेयर मास्क मास्क पहनें।
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