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लखनऊ,08 अगस्त 2022 (यूएनएस)। इस्लाम एक मुकम्मल दीन है और जिन्दगी गुजारने का इस में एक पूणतः निजाम पेश किया गया है और कयामत तक के लिए इस निजाम को खुदा पाक की तरफ से लागू किया गया है। मुहम्मद साहब की राहनुमाई में सहाबाक्राम रजि0 ने इसी जिन्दगी के निजाम को अपनी जिन्दगी में जारी किया और पूरी तरह से उसको कुबूल किया जिसके परिणाम में एक नेक और अच्छा इस्लामी समाज बना। इन विचारों को इमाम ईदगाह लखनऊ मौलाना खालिद रशीद फंरगी महली चेयरमैन इस्लामिक सेन्टर आफ इण्डिया ने प्रकट किया वह आज इस्लामिक सेन्टर आफ इण्डिया फरंगी महल के तत्वाधान में होने वाले दस दिवसीय जलसाहाय ‘‘शुहादाये दीने हक व इस्लाहे मुआशरह’’ के अर्न्तगत जामा मस्जिद ईदगाह लखनऊ में नवें जलसे को सम्बोधित कर रहे थे। मौलाना ने कहा कि कुरान में आया है कि अल्लाह के निकट एक बेगुनाह आदमी का खून करना पूरी मानवता का खून करना है और एक आदमी की जान बचाने वाला पूरनी मानवता की जान बचाने वाला समझा जायेगा। उन्होंने कहा कि जो लोग धरती पर बिगाड़ मचाते है वह खुदा पाक और उसके रसूल के बागी हैं। और उनकी गतिविधियाँ सहाबाक्राम और बुजुर्गो की शिक्षा के बिल्कुल विरूद्ध है। उन्होने कहा कि निर्दोषों, बेवाओं और यतीमों की मदद व सहायता करना ही हजरत हुसैन को सच्ची श्रद्धांजलि देना है। जलसे का आरम्भ दारूल उलूम फरंगी महल के अध्यापक कारी कमरूद्दीन की तिलावत कलाम पाक से हुआ। जलसा मौलाना खालिद रशीद फरंगी महली की दुआ पर समाप्त हुआ।
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